हिमालय की दस हजार फिट की उचाइयों से आप तक
सी-ब्क्थोर्न, हिमालय की ऊंचाई पर अत्यधिक कठोर परिस्थितियों
(-43°C से +43°C) में पैदा होता है | यह एक बहुत सुंदर, सुनहरा और संतरा रंग का छोटा फल है, सी-ब्क्थोर्न पेड़ की जड़ तकरीबन जमीन में 150-200
फीट गहराई तक जाती हैं, इसलिए इसमे भरपूर पोषक तत्व पाये जाते हैं |
Sea Buckthorn का इतिहास
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार सी-बक्थोर्न के सभी
औषधीय गुण संजीवनी बूटी से मिलते हैं| जिसका इस्तेमाल रामायण काल मे भगवान श्री राम के
छोटे भाई लक्ष्मण जी की मूर्छा ठीक करने मे किया गया था | इसलिए इसे संजीवनी बूटी भी कहा जाता है |
मंगोलियाई शासक चंगेज़ खान जो 13 वीं सदी का महान
शासक था| उसे अपनी तीन शक्तियों
पर बहुत विश्वास था | पहली सुव्यवस्थित सेना, दूसरा कड़ा अनुशासन और तीसरा सी-बक्थोर्न | चंगेज़ खान अपने सैनिकों और घोड़ों को अपार शक्ति व
ऊर्जा के लिए नियमित रूप से सी-बक्थोर्न देता था ।
सी-बक्थोर्न का लेटीन नाम “हिप्पोफाए रैमोनोईड”
चमकदार घोड़ों से पड़ा | प्राचीन ग्रीक सभ्यता के अनुसार दौड़ में भाग लेने वाले व बीमार घोड़ों के
बेहतर स्वास्थ्य व चमकदार त्वचा के लिए सी-बक्थोर्न दिया जाता था |
सी-बक्थोर्न को एशिया और यूरोप में सदियों से इसके
पोषक तत्वों व औषधीय गुणों के कारण प्राचीन पुस्तक में शामिल किया गया था | 8वीं सदी
की प्राचीन तिब्बती चिकित्सा पुस्तक “सिबू येदिया” में 30 पन्नों पर सी-बक्थोर्न
के स्वास्थ्य लाभों व पोषक तत्वों का वर्णन किया गया है|
80 के दशक में रूसी अन्तरिक्ष विभाग द्वारा सी-बक्थोर्न
को अपने अन्तरिक्ष यात्रियों की पोषण
योजना और विकिरण से लड़ने के लिए सपलीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया गया था |
सी-बक्थोर्न चीन के ओलंपिक खिलाड़ियों की खुराक का एक अहम हिस्सा है | बीजिंग में हुए 2008 ओलंपिक खेलों के
दौरान सी-बक्थोर्न को चीन में “राष्ट्रीय पेय” का स्थान प्राप्त है |
DRDO (DEFENCE RESERCH AND DEVELOPMENT ORGANIZATION)
भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
(डी.आर.डी.ओ.) पिछले कई वर्षों से सी-बक्थोर्न पर खोज कर रहा है । और आज सी-बक्थोर्न
भारतीय सैनिकों की खुराक का अहम हिस्सा बन चुका है ।
सी-बक्थोर्न के अत्याधिक स्वास्थ्य लाभ को देखते
हुए आज सी-बक्थोर्न पर 130 से अधिक अध्ययन हो चुके है।
"नमस्ते काशी वेलनेस सी-बकथॉर्न में 190 से अधिक पोषक तत्त्वों का भंडार है"
संतरे से 12 गुणा ज्यादा विटामिन -सी
विटामिन-सी एस्कोर्बिक एसिड के रूप में कैंसर
और स्कर्वी जैसे भयानक रोगों से हमारी रक्षा करता है, विटामिन-सी हमारी
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, उच्च रक्तचाप को कम करने, मोतियाबिंद से सुरक्षा, हृदयघात से बचाव
करने, त्वचा को लचीला बनाए रखने, घावों को भरने और अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में
सहायक है | विटामिन-सी कोलेजन के निर्माण, स्थिरता और रख रखाव के लिए आवश्यक माना जाता है, जो त्वचा
को जवां और स्वस्थ बनाए रखता है। चूंकि, विटामिन-सी के तेजी से आक्सीकरण होने
के कारण इसका शरीर में अवशोषित होना मुश्किल हो सकता है। विटामिन-सी का पूर्ण लाभ
लेने के लिए इसकी उच्च सांदर्ता की आवश्यकता होती है । सी-बक्थोर्न में
विटामिन –सी की सांदर्ता सम्पूर्ण वनस्पति समुदाय में सबसे ज्यादा है।
गाजर से 3 गुणा ज्यादा विटामिन -ए
सी-बक्थोर्न में विटामिन–ए बिटा कैरोटीन के रूप मे अत्यधिक
मात्रा में पाया जाता है, प्रकृति में पाये गए कैरोटीनोईडस में से सबसे अधिक 39 कैरोटीनोईडस की पहचान
सी-बक्थोर्न में की गई है। कैरोटीनोईडस चयापचय सामान्यीकरण में सुधार और घायल
उत्तकों को पुनर्जीवित करते है। खाद्य पदार्थों में कैरोटीनोईडस की कमी से आँखों
के रोग पैदा हो सकते हैं। ये आँखों सहित शरीर के विभिन्न उत्तकों की श्लेष्म
झिल्ली को प्रकृतिक रूप से सुरक्षितऔर
कार्यशील बनाते हैं, मोस्चयुराईज
और लुब्रिकेसन करना। यह आँखों के अनेक रोगों के इलाज
में मदद करते हैं, जैसे आँखों में सूजन , आँखों मे उभार, ट्रकोमा , केराटीटीस बबल, आँखों में जलन, कंजक्टीवाईटिस आदि । यह तनाव की स्थिति में काम करने के लिए
शारीरिक व मानसिक क्षमता बढ़ाते हैं।
सी-बक्थोर्न में दुनिया के सभी फलों से ज्यादा विटामिन- ई
विटामिन –ई रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह त्वचा और आँखों
को स्वस्थ रखता है । यह बढ़ती उम्र में कोशिका झिल्ली को स्वस्थ रखकर त्वचा को
झुरियों से बचाता है। विटामिन-ई हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है।
यह कोलेस्ट्राल को अवशोषित होने से बचा कर शरीर की कोशिकाओं, तंत्रिका और हार्मोन्स को बेहतर कार्य करने लायक
बनाए रखता है
सी-बक्थोर्न विटामिन –बी कॉम्प्लेक्स का मुख्य श्रोत
विटामिन –बी कोम्प्लेक्स आठ बी विटामिनों का समुह है ये सभी एक दूसरे पर
निर्भर होते हैं। हर बी विटामिन को शरीर में कार्य करने के लिए दुसरे बी विटामिन
की जरूरत पड़ती है। इसलिए इन्हे विटामिन बी
–कॉम्प्लेक्स कहा जाता है । विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स शरीर में भोजन को ग्लूकोज
में बदलने में मदद करता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है । यह तंत्रिका
तंत्र को स्वस्थ रखने, रोग
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और शरीर को निश्चित हार्मोन बनाने में मदद करता है। साथ ही यह नर्वस सिस्टम को भी दुरुस्त रखने में मदद करता है ।
विटामिन बी-12 केवल मांसाहार व दुग्ध उत्पादों में पाया जाता है लेकिन , वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हुआ है कि सी-बक्थोर्न
भी विटामिन बी -12 का समृद्ध श्रोत है।
सी-बक्थोर्न से मिलता है – सम्पूर्ण प्रोटीन
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण तत्व है। हमारे शरीर के हर
हिस्से जैसे बाल, नाखून, त्वचा मासपेशियाँ और
खून में प्रोटीन होता है। हमारे शरीर में मांसपेशियों के निर्माण के लिए 21 अमीनो
एसिड की जरूरत पड़ती है। इनमे से 9 अमीनो एसिड को छोड़ कर बाकी सभी अमीनो एसिड हमारा
शरीर स्वयम बना सकता है। आवश्यक अमीनो एसिड को हमें भोजन से प्राप्त करना होता है।
अधिकतर लोगों का मानना है की केवल अंडे में सभी आवश्यक 9 अमीनो एसिड होते हैं।
परंतु अधिकतर लोगों के शाकाहारी होने के कारण वे कंप्लीट प्रोटीन से वंचित रह जाते
हैं। इसके अलावा शाकाहारी भोजन में सोया को प्रोटीन का उत्तम श्रोत माना जाता है, मगर सोया मे भी मेथाईओनाईन नमक अमीनो एसिड कम होता
है। इसके अलावा सी-बक्थोर्न में सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। इसलिए सी-बक्थोर्न
को कंप्लीट प्रोटीन का श्रोत कहा जाता है।
सी-बक्थोर्न में मिलता है भरपूर 5 एच. टी. पी.
(हाईड्रोक्सीट्रीप्टोफान)
सी-बक्थोर्न में पाये जाने वाले महत्वपूर्ण पोषक तत्व 5 एच.
टी. पी. हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन का
स्तर बढ़ाने में सहायक है। 5 एच. टी. पी. न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन का अग्रिम
सूचक है । सार्वजनिक रूप में “हैप्पी मोलिक्यूल” के रूप में जाना जाता है । सेरोटोनिन
विचार और व्यवहार को नियमित करने मे मदद करता है। 5 एच. टी. पी. का नींद, मनोदशा, चिंता, भूख और दर्द अनुभूति पर साकारात्मक प्रभाव पड़ता है
।
खनिज लवण
सी-बक्थोर्न में बहुत से खनिज लवण भरपूर मात्रा में मिलते हैं
जैसे कि :- कैल्शियम, आयरन, पोटाशियम, मैग्नेशियम, कोपर, सोडियम और फास्फोरस आदि । खनिज लवण शारीरिक वृद्धि और हड्डियों को
मजबूती देने में मदद करते हैं और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।
सी-बक्थोर्न – फलेवोनोइड्स का उत्तम श्रोत
सी-बक्थोर्न में कई प्रकार के फलेवोनोइड्स होते है जैसे इजीरहामैनटिन, कटसिर्टिन, माईरिकेटिन और काम्फ्रोल। प्रत्येक मानव शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
फलेवोनोइड्स पर बड़े पैमाने पर अध्ययन हो चुके हैं। और इसमें शक्तिशाली एंटीवायरल
और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये गए हैं। जो इन्हे फ्री रेडिकल्स को खत्म करने और इनके
हानिकारक प्रभाव से कोशिकाओं की रक्षा करने की ताकत देते हैं। शरीर को संक्रमण से
बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं। और कोशिकाओं की उत्थान
प्रक्रिया में सहायता करते हैं। शरीर को पहले से ज्यादा मजबूत और स्वस्थ बनाते
हैं। हाल के शोध से पता चला है कि फलेवोनोइड्स भी हृदय रोग, कैंसर और अपकर्षण रोग (अल्ज़ाइमर और मनोभ्रम) के
जोखिम को कम करने में मदद मिलती है जोकि बढ़ती उम्र के साथ होता है, इससे एलर्जी को कम करने में भी मदद मिलती है, और सामान्य रोगों से बचाता है।
सी-बक्थोर्न – पोलीफेनोलिक यौगिक
सी-बक्थोर्न के पोलीफेनोलिक यौगिकों में एक
एंटिऑक्सीडेंट गतिविधित होती है। ये ट्यूमर को रोकते हैं। और इनमें रेडियो
प्रोएक्टिव क्षमता होती है। जो हमारे शरीर को विकिरण के दुष्प्रभाव से बचाती है।
सी-बक्थोर्न – हेप्टोप्रोटेक्शन (लीवर सुरक्षा )
सी-बक्थोर्न में मनुष्यों के लिए
फाइटो-एंटिऑक्सीडेंट, एंटी-एंफ़लामेंट्री और एंटी-कैंसर औषधीय गुण पाये जाते हैं। सी-बक्थोर्न
एंटिऑक्सीडेंट क्षमता से लीवर कि क्षति कम कर देता है। जो इसे हेप्टोप्रोटेक्टिव
बनाते हैं। सी-बक्थोर्न में अत्यधिक
एंटिफैटीलीवर क्षमता होती है। सी-बक्थोर्न
में मैलिक एसिड और ओक्सैलिक एसिड होता है जो लीवर को हर तरह के सूजन और संक्रमण से
सुरक्षित रखने मे मदद करता है ।
सी-बक्थोर्न – थायराइड
सी-बक्थोर्न थायराइड फंक्शन को नियंत्रित करता है।
यह हाईपरथरोडिस्म को पुनः दुरुस्त कर देता हाई। थायराइड गड़बड़ी से अक्सर महिलाओं
में हार्मोनल परिवर्तन और इससे संबन्धित रोग पैदा हो जाते हैं। सी-बक्थोर्न थायराइड फंक्शन के लिए बेहतरीन है।
सी-बक्थोर्न – लाइकोपिन
सी-बक्थोर्न में मौजूद लाइकोपिन को प्रोटेस्ट और कोलन सेल को स्वस्थ रखने के लिए
जाना जाता है।
सी-बक्थोर्न – अन्य घटक
सी-बक्थोर्न में फाईटेस्टेरोल, जेक्सथीन, मैलिक एसिड और बी-सीटीस्टेरोल सहित बहुत से
सुरक्षात्मक घटक पाये जाते है। सी-बक्थोर्न हमें लगभग वो सभी पोषक तत्व देता है जो हमारे शरीर को
चाहिए ।
"नमस्ते काशी वेलनेस सी-बक्थोर्न " में मिलता है - भरपूर मात्रा मे एंटिऑक्सीडेंट
BUNCH OF POWERFUL OMEGA 3, 6, 7 & 9
विश्व में यह धारणा है कि केवल
मछ्ली ओमेगा 3 का समृद्ध श्रोत है, परंतु इस धारणा के विपरीत सी-बक्थोर्न
ओमेगा फैटी एसिड 3, 6, 9 के साथ
ही दुर्लभ ओमेगा-7 का भी स्थायी व समृद्ध वनस्पतीय श्रोत है। सी-बक्थोर्न में
प्रकृतिक रूप से ओमेगा 3:6 संतुलित अनुपात में है। जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए
अधिकांश अनुसंधानों द्वारा निर्देशित है, इनका सेवन हमारे
शरीर के लिए अनिवार्य है। इसलिए इन्हें आवश्यक फैटी एसिड कहा जाता है। इनके अनेकों
स्वस्थ लाभ हैं जैसे :-
Ø ये शरीर के सभी उत्तकों, त्वचा, अंगों, श्वास प्रणाली, रक्त
प्रवाह व दिमाग को दुरुस्त बनाए रखने में सहायक हैं।
Ø ये ट्राईग्लिसराईड कम
करने में सहायक है ।
Ø ये हृदय स्वास्थ्य को
बेहतर करने के लिए कोलेस्ट्रॉल और एल. डी. एल. को कम करने में मदद करते हैं ।
Ø ये रोग प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ाते हैं।
Ø ये जोड़ों को स्वस्थ
रखते हैं।
Øये सभी कोशिकाओं की बाहरी
झिल्ली को मजबूती देकर कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं ।
नमस्ते काशी Sea Buckthorn में अद्भुत ओमेगा - 7
ओमेगा-7 एक आवश्यक और दुर्लभ फैटी एसिड है। सी-बक्थोर्न
में ओमेगा -7 भरपूर मात्र में पाया जाता है। ओमेगा-7 को पल्मिटोलिक एसिड के रूप
में जाना जाता है। ओमेगा-7 ने हाल के वर्षों में अनेकों स्वस्थ लाभों के कारण
लोकप्रियता हासिल की है जैसे :-
ओमेगा-7 वजन नियंत्रण में लाभदायक
वैज्ञानिकों के अध्ययन से पता चला है कि ओमेगा-7 मस्तिष्क को संकेत
भेज कर कैलोरी को अतिरिक्त वसा के रूप में संग्रहित करने से रोकता है। जिससे शरीर
का वजन बढ़ना रुक जाता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।
ओमेगा-7 - बाल, नाखून और त्वचा को स्वस्थ बनाता है
ओमेगा-7 शुष्क त्वचा के लिए अति उत्तम है। यह कटी-फटी
त्वचा को पोषण व नमी प्रदान करता है और नमी को त्वचा में बरकरार रखता है।
जिससे त्वचा, नाखून और बाल स्वस्थ व चमकदार बनते हैं।
ओमेगा-7 – जठरान्त्र अथवा पेट सम्बन्धी स्वस्थ्य
में लाभदायक
ओमेगा-7 जठरान्त्र पथ में श्लेष्म झिल्ली को चिकना करने
मे मदद करता है, जिससे पेट से
संबन्धित बहुत सी समस्याओं में राहत मिलती है जैसे पाचन समस्या, अम्लता और अल्सर, जो पेट में दर्द और जलन जैसी बुरी समस्याओं
का कारण बनते हैं।
ओमेगा-7 – मधुमेह का सामान्य स्तर बनाने में
लाभदायक
ओमेगा-7 इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करके ग्लूकोज के
स्तर को कम करने में मदद करता है और मधुमेह में लाभदायक साबित होता है
ओमेगा-7 – देता है स्वस्थ हृदय
ओमेगा-7 कोलेस्ट्रॉल के उचित स्तर को बनाए रखने के लिए
अति उत्तम है और इससे हृदय स्वस्थ रहता है। ओमेगा-7 धमनियों के मार्ग को सुचारु
बना कर धमनियों कि दीवारों को मजबूती दे सकता है। यह ओमेगा-3 कि तरह खराब
कोलेस्ट्रॉल (एल डी एल ) को कम करने में
मदद करता है, वास्तव मे ओमेगा-7 खराब
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एच डी एल ) को बढ़ाने में भी
मदद करता है।
ओमेगा-7 – देता है स्वस्थ आँखें
ओमेगा-7 आँखों से सुखापन खत्म करता है और आँखों
में नमी को बनाए रखता है। आँखों में थकान और पीड़ा को कम करता है। आँखों में लालिमा
और जलन को खत्म करता है।
यदि आपलोगों को आज का हमारा ये लेख (Sea Buckthorn) कलयुग का अमृत है पसंद आया हो तो कृपया करके आप सभी हमारे इस लेख को अपनी टीम के सभी मेम्बर को जरूर शेयर करें ।
ताकि सभी लोग भी Sea-Buckthorn के बारे में पढ़ें और ज्यादा जानकार बनें। और वो भी सभी लोगों को बता सकें ।
और Namaste Kashi Wellness की ऐसी जानकारी के लिए आपलोग इस page पर हमेशा visit कर सकते हैं।
2 comments:
Excellent
Very unique knowledge sir
thank you sir🙏
Required this post must be read by all person in India for better health....
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